* मॉब लिंचिंग क्या हैं ओर कहा से आती हैं इतनी भीड़
मॉब लिंचिंग Mob lynching – आज कल हम अक्सर टेलीविजन ओर अखबारों मैं खबर सुनते हैं कि फलां जगह पर भीड़ ने एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला। ओर ऐसी ख़बर आज कल सुर्खियों का हिस्सा जरूर रहती है ।
कभी हिन्दू मुस्लिम के नाम पर, तो कभी छेड़छाड… कभी चोरी, तो कभी धर्म के नाम पर, तो कभी गौरक्षा के नाम पर अक्सर किसी ना किसी वजहों से ये मॉब लिंचिंग के मामले सामने आते रहते है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर है क्या ये मॉब लिंचिंग और कहां से आती है इतनी भीड़? इन्हें कौन इक्कठा करता है?
हाल ही में देश में ऐसे कई मामले सुर्खियों में रहे है जहां भीड़ के चलते कई लोगों की मौत हुई है। जिसके पीछे झूठी अफवाहों का हाथ रहा। इन अफवाहों के चलते ही ये मॉब लिंचिंग की भीड़ कई लोगों को मौत के घाट उतार चुकी है।
* आखिर कैसे ओर कहा से आती है इतनी भीड़

सभी के मन मैं ये सवाल रहता है कि आखिर अचानक कैसे इतने सारे लोगों को एक जगह होने वाली घटना का पता चल जाता है, और ये लोग उस जगह पर उपद्रव मचाने वहां पहुंच जाते है।
एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि यह एक समाजिक मनौविज्ञान घटना है, जिसके लिए पहले लोगों को किसी विषय पर जबरदस्ती भड़काया और उकसाया जाता है, इसमें कभी-कभी नेता का भी हाथ होता है तो कभी-कभी एक ऐसे लीडर होते हैं जिनकी समाज मैं एक अच्छी पकड़ होती हैं ।और ये लोग फिर उस भीड़ का इस्तेमाल करते है।
आज कल इस तरह की मारपीट के सभी घटनाओ पर सबसे ज्यादा मदद अगर किसी चीज से मिलती है, तो वो है सोशल मीडिया। आज के इस युग मैं सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से चंद दिनों और घंटों में ही लोगों को एक जगह पर इक्कठा किया जा सकता है। लोगों को धर्म के नाम पर, गौरश्रा के नाम पर, मान-सम्मान के नाम पर और देश भकित के नाम पर इस कदर भड़काया जाता है, कि वह इस मॉब लिंचिंग भीड़ का हिस्सा बन जाते है। डॉक्टरों के अलावा कुछ लोगों का भी यही मानना है कि ये समाज विज्ञान और मनोविज्ञान तक पैथोलॉजी के तौर पर अनियमित घटनाओं के रूप में सीमित है।
* मॉब लिंचिंग के द्वारा होने वाला नुकसान -
मॉब लिंचिंग के चलते अब तक बहुत लोग अपनी जान गवा चुके है। अभी हाल ही में झारखंड़ में मॉब लिंचिंग के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यहां लोगों ने गौरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। वहीं इसी खूनी खेल में असम के दो लोगों को भी मौत हो गई थी। इस मामले में भीड़ का कहना था कि दोनों युवक बच्चा चोर है। जबकि दोनों युवक मछ्ली पकड़ने के इरादें से वहां आये थे।
* सरकार को कड़े नियम व कानून बनाने की है जरूरत -
ऐसे मामले में बेहद जरूरी होता है कि लोगों को जागरूक बनाया जाये, की वो किसी भी तरह के भड़काऊ सोशल वायरल मैसेज को आगे फॉरवर्ड ना करें ओर जितना हो सके इस के बारे मे लोगो को बताया जाये। लोग धर्म के नाम पर अपनी सोच को जागरूक करे। भारत के इस डिजिटल होते दौर के जहां एक ओर फायदे बढ़ रहे है, वहीं दूसरी ओर इस मसले पर अज्ञानता के चलते हगांमें भी बढ़ रहे है।
ऐसे मैं सरकार को तो आगे आना ही चाहिए साथ ही हम लोगो को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
किसी बेगुनाह को सज़ा देना ये तो हमारी सभ्यता नही हैं । ऐसे मामलों मैं जितना हो सके हमे अपनी समझदारी का प्रयोग करना चाहिए। और ऐसी घटनाओं से बचना चाहिए ।
ऐसे मैं सरकार को तो आगे आना ही चाहिए साथ ही हम लोगो को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
किसी बेगुनाह को सज़ा देना ये तो हमारी सभ्यता नही हैं । ऐसे मामलों मैं जितना हो सके हमे अपनी समझदारी का प्रयोग करना चाहिए। और ऐसी घटनाओं से बचना चाहिए ।
मॉब लिंचिंग Mob lynching – आज कल हम अक्सर टेलीविजन ओर अखबारों मैं खबर सुनते हैं कि फलां जगह पर भीड़ ने एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला। ओर ऐसी ख़बर आज कल सुर्खियों का हिस्सा जरूर रहती है ।
कभी हिन्दू मुस्लिम के नाम पर, तो कभी छेड़छाड… कभी चोरी, तो कभी धर्म के नाम पर, तो कभी गौरक्षा के नाम पर अक्सर किसी ना किसी वजहों से ये मॉब लिंचिंग के मामले सामने आते रहते है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर है क्या ये मॉब लिंचिंग और कहां से आती है इतनी भीड़? इन्हें कौन इक्कठा करता है?
हाल ही में देश में ऐसे कई मामले सुर्खियों में रहे है जहां भीड़ के चलते कई लोगों की मौत हुई है। जिसके पीछे झूठी अफवाहों का हाथ रहा। इन अफवाहों के चलते ही ये मॉब लिंचिंग की भीड़ कई लोगों को मौत के घाट उतार चुकी है।
* आखिर कैसे ओर कहा से आती है इतनी भीड़

सभी के मन मैं ये सवाल रहता है कि आखिर अचानक कैसे इतने सारे लोगों को एक जगह होने वाली घटना का पता चल जाता है, और ये लोग उस जगह पर उपद्रव मचाने वहां पहुंच जाते है।
एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि यह एक समाजिक मनौविज्ञान घटना है, जिसके लिए पहले लोगों को किसी विषय पर जबरदस्ती भड़काया और उकसाया जाता है, इसमें कभी-कभी नेता का भी हाथ होता है तो कभी-कभी एक ऐसे लीडर होते हैं जिनकी समाज मैं एक अच्छी पकड़ होती हैं ।और ये लोग फिर उस भीड़ का इस्तेमाल करते है।
आज कल इस तरह की मारपीट के सभी घटनाओ पर सबसे ज्यादा मदद अगर किसी चीज से मिलती है, तो वो है सोशल मीडिया। आज के इस युग मैं सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से चंद दिनों और घंटों में ही लोगों को एक जगह पर इक्कठा किया जा सकता है। लोगों को धर्म के नाम पर, गौरश्रा के नाम पर, मान-सम्मान के नाम पर और देश भकित के नाम पर इस कदर भड़काया जाता है, कि वह इस मॉब लिंचिंग भीड़ का हिस्सा बन जाते है। डॉक्टरों के अलावा कुछ लोगों का भी यही मानना है कि ये समाज विज्ञान और मनोविज्ञान तक पैथोलॉजी के तौर पर अनियमित घटनाओं के रूप में सीमित है।
* मॉब लिंचिंग के द्वारा होने वाला नुकसान -
मॉब लिंचिंग के चलते अब तक बहुत लोग अपनी जान गवा चुके है। अभी हाल ही में झारखंड़ में मॉब लिंचिंग के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यहां लोगों ने गौरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। वहीं इसी खूनी खेल में असम के दो लोगों को भी मौत हो गई थी। इस मामले में भीड़ का कहना था कि दोनों युवक बच्चा चोर है। जबकि दोनों युवक मछ्ली पकड़ने के इरादें से वहां आये थे।
* सरकार को कड़े नियम व कानून बनाने की है जरूरत -
ऐसे मामले में बेहद जरूरी होता है कि लोगों को जागरूक बनाया जाये, की वो किसी भी तरह के भड़काऊ सोशल वायरल मैसेज को आगे फॉरवर्ड ना करें ओर जितना हो सके इस के बारे मे लोगो को बताया जाये। लोग धर्म के नाम पर अपनी सोच को जागरूक करे। भारत के इस डिजिटल होते दौर के जहां एक ओर फायदे बढ़ रहे है, वहीं दूसरी ओर इस मसले पर अज्ञानता के चलते हगांमें भी बढ़ रहे है।
ऐसे मैं सरकार को तो आगे आना ही चाहिए साथ ही हम लोगो को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
किसी बेगुनाह को सज़ा देना ये तो हमारी सभ्यता नही हैं । ऐसे मामलों मैं जितना हो सके हमे अपनी समझदारी का प्रयोग करना चाहिए। और ऐसी घटनाओं से बचना चाहिए ।
मॉब लिंचिंग Mob lynching – आज कल हम अक्सर टेलीविजन ओर अखबारों मैं खबर सुनते हैं कि फलां जगह पर भीड़ ने एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला। ओर ऐसी ख़बर आज कल सुर्खियों का हिस्सा जरूर रहती है ।
कभी हिन्दू मुस्लिम के नाम पर, तो कभी छेड़छाड… कभी चोरी, तो कभी धर्म के नाम पर, तो कभी गौरक्षा के नाम पर अक्सर किसी ना किसी वजहों से ये मॉब लिंचिंग के मामले सामने आते रहते है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर है क्या ये मॉब लिंचिंग और कहां से आती है इतनी भीड़? इन्हें कौन इक्कठा करता है?
हाल ही में देश में ऐसे कई मामले सुर्खियों में रहे है जहां भीड़ के चलते कई लोगों की मौत हुई है। जिसके पीछे झूठी अफवाहों का हाथ रहा। इन अफवाहों के चलते ही ये मॉब लिंचिंग की भीड़ कई लोगों को मौत के घाट उतार चुकी है।
* आखिर कैसे ओर कहा से आती है इतनी भीड़
सभी के मन मैं ये सवाल रहता है कि आखिर अचानक कैसे इतने सारे लोगों को एक जगह होने वाली घटना का पता चल जाता है, और ये लोग उस जगह पर उपद्रव मचाने वहां पहुंच जाते है।
एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि यह एक समाजिक मनौविज्ञान घटना है, जिसके लिए पहले लोगों को किसी विषय पर जबरदस्ती भड़काया और उकसाया जाता है, इसमें कभी-कभी नेता का भी हाथ होता है तो कभी-कभी एक ऐसे लीडर होते हैं जिनकी समाज मैं एक अच्छी पकड़ होती हैं ।और ये लोग फिर उस भीड़ का इस्तेमाल करते है।
एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि यह एक समाजिक मनौविज्ञान घटना है, जिसके लिए पहले लोगों को किसी विषय पर जबरदस्ती भड़काया और उकसाया जाता है, इसमें कभी-कभी नेता का भी हाथ होता है तो कभी-कभी एक ऐसे लीडर होते हैं जिनकी समाज मैं एक अच्छी पकड़ होती हैं ।और ये लोग फिर उस भीड़ का इस्तेमाल करते है।
आज कल इस तरह की मारपीट के सभी घटनाओ पर सबसे ज्यादा मदद अगर किसी चीज से मिलती है, तो वो है सोशल मीडिया। आज के इस युग मैं सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से चंद दिनों और घंटों में ही लोगों को एक जगह पर इक्कठा किया जा सकता है। लोगों को धर्म के नाम पर, गौरश्रा के नाम पर, मान-सम्मान के नाम पर और देश भकित के नाम पर इस कदर भड़काया जाता है, कि वह इस मॉब लिंचिंग भीड़ का हिस्सा बन जाते है। डॉक्टरों के अलावा कुछ लोगों का भी यही मानना है कि ये समाज विज्ञान और मनोविज्ञान तक पैथोलॉजी के तौर पर अनियमित घटनाओं के रूप में सीमित है।
* मॉब लिंचिंग के द्वारा होने वाला नुकसान
मॉब लिंचिंग के चलते अब तक बहुत लोग अपनी जान गवा चुके है। अभी हाल ही में झारखंड़ में मॉब लिंचिंग के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यहां लोगों ने गौरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। वहीं इसी खूनी खेल में असम के दो लोगों को भी मौत हो गई थी। इस मामले में भीड़ का कहना था कि दोनों युवक बच्चा चोर है। जबकि दोनों युवक मछ्ली पकड़ने के इरादें से वहां आये थे।
सरकार को कड़े नियम व कानून बनाने की जरूरत है।
ऐसे मामले में बेहद जरूरी होता है कि लोगों को जागरूक बनाया जाये, की वो किसी भी तरह के भड़काऊ सोशल वायरल मैसेज को आगे फॉरवर्ड ना करें ओर जितना हो सके इस के बारे मे लोगो को बताया जाये। लोग धर्म के नाम पर अपनी सोच को जागरूक करे। भारत के इस डिजिटल होते दौर के जहां एक ओर फायदे बढ़ रहे है, वहीं दूसरी ओर इस मसले पर अज्ञानता के चलते हगांमें भी बढ़ रहे है।
ऐसे मैं सरकार को तो आगे आना ही चाहिए साथ ही हम लोगो को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
किसी बेगुनाह को सज़ा देना ये तो हमारी सभ्यता नही हैं । ऐसे मामलों मैं जितना हो सके हमे अपनी समझदारी का प्रयोग करना चाहिए। और ऐसी घटनाओं से बचना चाहिए ।
4 Comments
logo ko ab responsible hona chaiye aese hi kisi ki baato mai nahi aana chaiye
ReplyDeletesab politician hi krwaate hai or public in k baato mai aa jaati hai
ReplyDeletejagruk hona chaiye public ko ab
ReplyDeletethank uh guys
ReplyDeleteThank you